अंगूर खट्टे हैं | The Fox & the Sour Grapes

Thumbnail to story

एक बार की बात है, एक चालाक लोमड़ी जंगल में घूम रही थी। उसे दूर से कुछ चमकता दिखाई दिया। वह पास जाकर देखती है तो क्या देखती है! एक बेल पर लटक रहे अंगूरों का गुच्छा। अंगूरों के गुच्छे इतने सुंदर और रसभरे लग रहे थे कि लोमड़ी की मुंह में पानी आ गया।

वह सोचने लगी, “वाह! कितने स्वादिष्ट अंगूर हैं। काश मैं इन्हें खा सकती।” उसने अपनी पूरी ताकत लगाकर अंगूरों को पाने की कोशिश की। वह उछली, कूदी, लेकिन अंगूर बस उसकी पहुंच से थोड़े से दूर ही रहे। वह बार-बार कोशिश करती रही, परंतु सफल नहीं हो पाई।

अंत में थक हारकर लोमड़ी ने सोचा, “ये अंगूर शायद खट्टे होंगे। इतने ऊंचे पर लटक रहे हैं, शायद पके भी नहीं होंगे।”

अपनी नाकामी को छिपाने के लिए उसने अंगूरों को नीचा दिखाना शुरू कर दिया। वह बड़बड़ाती हुई जंगल से चली गई।

सीख: जब हम कोई चीज हासिल नहीं कर पाते हैं तो हम अक्सर उसे नीचा दिखाने लगते हैं। यह हमारी मनोदशा को बेहतर बनाने का एक तरीका हो सकता है, लेकिन यह हमें वास्तविकता से दूर ले जाता है। हमें अपनी कमियों को स्वीकार करना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए।

Scroll to Top